टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने की मांग कार्रवाई की कवायद शुरू

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टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने की मांग कार्रवाई की कवायद शुरू

टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने की मांग पर समाज कल्याण और उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी है। टिहरी को ओबीसी में शामिल करने के लिए ओबीसी आयोग मांगी रिपोर्ट

टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने शीर्ष 10 प्राथमिकता वाली योजना में रखी है मांग

टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय की ओर से टिहरी विधानसभा को उत्तरकाशी और प्रतापनगर क्षेत्र की भांति ओबीसी में शामिल करने की मांग पर समाज कल्याण और उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी है। समाज कल्याण निदेशालय ने आयोग को इसका परीक्षण कर रिपोर्ट मांगी है।

आपको बताते चलें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी विधायकों से अपने-अपने क्षेत्र की शीर्ष प्राथमिकता वाली 10 योजनाओं की सूची मांगी है। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने की मांग रखी है। जिसके सापेक्ष ओबीसी आयोग और समाज कल्याण विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।

ओबीसी आयोग ने गत वर्ष जून में ही राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने किसी क्षेत्र को भौगोलिक आधार पर ओबीसी में शामिल करने सहित उत्तराखंड के तमाम प्रस्तावों पर राय मांगी थी।

अब समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक जगमोहन सिंह कफोला ने राज्य ओबीसी आयोग को इस बाबत टिहरी क्षेत्र को ओबीसी में शामिल करने की मांग पर रिपोर्ट मांगी है। जिससे उम्मीद जगी है कि प्रतापनगर की भांति टिहरी को भी ओबीसी का लाभ मिल सकता है।

इस संबंध में विधायक किशोर उपाध्याय का कहना है कि उत्तराखंड के लोग वनवासी हैं। हमारी आजीविका, संस्कृति और सभ्यता जल, जंगल पर निर्भर है। देश को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड का अभूतपूर्व योगदान है। कहा कि उन्होंने सीएम को शीर्ष 10 प्राथमिकता वाली योजना में ओबीसी मांग भी रखी है।

उम्मीद है कि जल्द इस ओर कार्रवाई होगी। कहा कि टिहरी के लोगों ने राष्ट्र को ऊर्जा और पेयजल, सिंचाई के लिए अपनी जमीन, संस्कृति और परिसंपत्ति कुर्बान की है। अब उन्हें ओबीसी का लाभ देकर मुख्यधारा से जोड़ा जाना चाहिए।